Judge Success story: कहानी उस जज की जिसने नौकरी से पहले ही कर दी थी ये भविष्यवाणी

Anamika Dagar Judge: 2014 में एलएलबी (LLB) से अनामिका ने जज बनने का सफर शुरू किया था. परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी इसलिए वो क्षण निराशा से भरे थे. फिर भी इस मुश्किल में अनामिका ने हौसला नहीं छोड़ा.

Success Story of Anamika Dagar: सरकारी नौकरी के लिए स्टूडेंट्स सालों तैयारी करते हैं और जब बात फैसले लेने की हो तो मेहनत और ज्यादा करनी पड़ सकती है. आज एक ऐसी ही सक्सेस स्टोरी के बारे में हम आपको बता रहे हैं. जज बनना अनामिका का सपना नहीं बल्कि संकल्प था. कई उतार-चढ़ाव के बाद उन्होंने जब यह कामयाबी हासिल की, जब उन्होंने यह कामयाबी हासिल की तो उन्हें केंद्रीय मंत्री से भी फोन पर बधाई दी थी. 28 साल की अनामिका ने बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) की 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में 16वां स्थान हासिल किया था.

अनामिका ने न्यायिक परीक्षा को बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी के दम पर दिया था. 2014 में एलएलबी (LLB) से अनामिका ने जज बनने का सफर शुरू किया था. 2017 में एलएलबी के बाद जब कोचिंग का पता किया, तो साल भर की फीस करीब 2 से ढाई लाख के बीच थी.

परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी इसलिए वो क्षण निराशा से भरे थे. फिर भी इस मुश्किल में अनामिका ने हौसला नहीं छोड़ा. एक दिन रोते हुए इस बिटिया ने अपनी मां से कहा था, ‘मैं एक दिन तुम्हें बिना कोचिंग के जज बनकर दिखाऊंगी.’ फिर अनामिका ने 8-10 घंटे रोज पढ़ाई शुरू कर दी. पारिवारिक कार्यक्रमों में भी जाना बंद कर दिया और पूरा समय अपने मकसद के नाम कर दिया.

ये है अनामिका का प्लान?

गाज़ियाबाद के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भी फोन करके बिटिया को बधाई दी थी. अनामिका का अपने गांव और समाज के लिए काम करने का मन है. अब वह गांव में एक लाइब्रेरी बनाना चाहती हैं, जहां गरीब बच्चे पढ़ सकें ताकि जो कठिनाई अनामिका को झेलनी पड़ी, वह उन्हें न झेलनी पड़े. साथ ही अनामिका एक अनाथ बच्चे को गोद भी लेना चाहती हैं. वह उसे पढ़ाना लिखाना चाहती हैं.

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