Mukhyamantri Laghu Udyami Yojana: क्या आप भी बिहार मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना से लाभ उठाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह खबर काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में बिहार के कैमूर से एक बड़ी घटना सामने आई है जिसमें Laghu Udyami Yojana के माध्यम से खेल करने की कोशिश की गई जिसमें 5 लाभुकों पर सर्टिफिकेशन केस दर्ज कर लिया गया है।
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Mukhyamantri Laghu Udyami Yojana
Bihar Mukhyamantri Laghu Udyami Yojana: मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से लाभुकों को सूक्ष्म एवं लघु उद्योग की स्थापना के लिए अनुदान पर 10 लाख की सहायता राशि दी जाती है। जिसमे से ₹500000 की सब्सिडी काटकर ₹500000 लाख सरकार को वापस करना होता है। सहायता राशि पाने वाले लाभुकों को 7 माह में 84 किश्तों में राशि वापस करनी है। मिली जानकारी के अनुसार योजना की राशि लेने के बाद लाभुकों के द्वारा निर्धारित समय पर राशि वापस नहीं की जा रही है।
उद्यमी योजना (Udyami Yojana) की राशि वसूली के लिए विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जिला उद्योग केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार जिले में पूर्व के वित्तीय वर्षों में योजना की राशि लेने वाले 61 लाभुकों द्वारा राशि की वापसी नहीं की गई। महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा नोटिस देकर राशि जमा करने की अपील की गई। लेकिन उक्त लाभुकों द्वारा अब तक राशि नहीं जमा की गई।
बता दे कि इसी के चलते अब तक पांच लाभुकों के विरुद्ध सर्टिफिकेट केस किया गया है। सूक्ष्म एवं लघु उद्योग को बढ़ावा देने तथा सभी वर्गों के युवक व युवतियों को उद्योग स्थापित करने में अभिरुचि पैदा करने के उद्देश्य से राज्य में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, उद्यमी योजना, अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना, महिला उद्यमी योजना, युवा उद्यमी योजना संचालित की जा रही है।
और जैसा की मैने पहले हीं बताया है मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के अंतर्गत नए उद्योग स्थापित करने के लिए दस लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। जिसमे से 5 लाख रुपए 7 माह में 84 किश्तों में राशि वापस करनी है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना कब शुरू हुई
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना राज्य में 2018 से शुरू हुई है। इस योजना के माध्यम से युवाओं व महिलाओं को उद्योग की स्थापना के लिए अनुदान की राशि सहायता के रूप में उपलब्ध कराई जा रही है।