How is Parliament secured?: भारतीय संसद, देश की सर्वोच्च निर्वाचित संस्था है। यहां देश के कानून बनते हैं और यहां के फैसले पूरे देश पर लागू होते हैं। ऐसे में संसद की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है।
संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी संसद सुरक्षा सेवा (पीएसएस) के पास है। पीएसएस एक अर्धसैनिक बल है, जो संसद भवन, उसके आसपास के क्षेत्र और संसद सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है।
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संसद की सुरक्षा के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं। इनमें शामिल हैं:
- मजबूत दीवारें और सुरक्षा गेट: संसद भवन चारों तरफ से मजबूत दीवारों और सुरक्षा गेटों से घिरा हुआ है। इन दीवारों और गेटों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जो हर गतिविधि पर नजर रखते हैं।
- सुरक्षाकर्मियों की तैनाती: संसद परिसर में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इनमें पीएसएस के जवान, दिल्ली पुलिस के जवान और अन्य अर्धसैनिक बलों के जवान शामिल हैं।
- तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल: संसद परिसर में कई तरह के तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि सीसीटीवी कैमरे, रडार और मेटल डिटेक्टर। इन उपकरणों का इस्तेमाल सुरक्षाकर्मी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए करते हैं।
इन सभी सुरक्षा इंतजामों के बावजूद, 13 दिसंबर, 2023 को संसद की सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी चूक हुई। इस दिन, दो युवक संसद भवन के अंदर घुस गए और नारेबाजी करने लगे। इन युवकों के पास से कुछ संदिग्ध सामग्री भी मिली।
इस घटना के बाद संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे। कई लोगों ने कहा कि संसद की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।
संसद की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई सुझाव दिए गए हैं। इनमें शामिल हैं:
- सुरक्षाकर्मियों की संख्या में वृद्धि: संसद परिसर में सुरक्षाकर्मियों की संख्या में वृद्धि की जानी चाहिए। इससे सुरक्षाकर्मियों पर दबाव कम होगा और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
- तकनीकी उपकरणों के इस्तेमाल में सुधार: संसद परिसर में इस्तेमाल किए जाने वाले तकनीकी उपकरणों में सुधार किया जाना चाहिए। इससे सुरक्षाकर्मियों को संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने में आसानी होगी।
- सुरक्षाकर्मियों के प्रशिक्षण में सुधार: संसद सुरक्षा सेवा के जवानों के प्रशिक्षण में सुधार किया जाना चाहिए। इससे जवानों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम होंगे।
संसद की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इनमें शामिल हैं:
- सुरक्षाकर्मियों की संख्या में वृद्धि: सरकार ने संसद परिसर में सुरक्षाकर्मियों की संख्या में 20% की वृद्धि की है।
- तकनीकी उपकरणों के इस्तेमाल में सुधार: सरकार ने संसद परिसर में इस्तेमाल किए जाने वाले तकनीकी उपकरणों को अपग्रेड किया है।
- सुरक्षाकर्मियों के प्रशिक्षण में सुधार: सरकार ने संसद सुरक्षा सेवा के जवानों के प्रशिक्षण में सुधार के लिए एक योजना बनाई है।
इन कदमों से उम्मीद है कि संसद की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी और ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।