Bihar Vanshavali Fee’s: वंशावली बनवाने का रेट फिक्स, अब करना होगा इतना भुगतान; सर्वे के बीच नीतीश सरकार का बड़ा फैसला

Bihar Vanshavali Fee’s: सर्वे के बीच नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, वंशावली बनवाने का रेट फिक्स; अब इतना लगेगा! जैसा कि आप सभी जानते हैं बिहार में इन दोनों सर्वे का काम जोर से चल रहा है। ऐसे में सभी को वंशावली के साथ सर्व कर्मचारी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। अब वंशावली बनाने को लेकर काफी लोगों को परेशानी हो रही है, कहीं पैसे ज्यादा खर्च हो रहे हैं तो कहीं किसी को समझ में ही नहीं आ रहा है कि कौन सा फॉर्म भरना है और किस तरह से भरना है।

तो अब घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है हम इस आर्टिकल में बताएंगे कि वंशावली कैसे बनवा सकते हैं और इसमें कितना खर्च आएगा। तो आज हम आपको वंशावली बनवाने के खर्च के बारे में बताने जा रहे हैं। इस लिए सम्पूर्ण आर्टिकल पढ़िए आपको समझ में आ जाएगा।

Bihar Vanshavali और अन्य कागजात को लेकर आम बैठक 

वैसे तो हम किसी एक जिले की बात नहीं कर सकते, इन दिनों पूरे बिहार में सर्वे का काम चल रहा है हम बैठक किया जा रहा है। आम बैठक में आपके सभी सवालों का जवाब दिया जाता है वहीं वैसे सवाल जो हम है उसका जवाब सर्व कर्मचारी के द्वारा खुद ही दिया जाता है। ग्राम कचहरी में आ रही समस्याओं जैसे वंशावली निर्गत करने, न्याय मित्र की अनुपस्थिति, पंचायत में चल रही कार्यों की जानकारी पर चर्चा की जाती है। ग्राम कचहरी द्वारा जारी नोटिस चौकीदार से भेजने की बातें कही गई। पंचायती राज विभाग के प्राप्त पत्र के अनुसार वंशावली बनाया जाए।

अब इसके लिए सरकार के द्वारा शुल्क निर्धारित कर दिया गया है। आप सभी को से अब कोई भी इससे अधिक पैसा नहीं के सकता है।

वंशावली बनवाने में कितना पैसा लगेगा – Vanshavali Banvane mein Kitna Paisa Lagega

Vanshavali Banvane mein Kitna Paisa Lagega: अब वंशावली के लिए पहली बार 10 रुपये शुल्क निर्धारित किए गए हैं, अगर दूसरी बार बनेगा तो 100 रुपए शुल्क लगेंगे। सभी शुल्क ग्राम सेवक के पास जमा कर रसीद लेंगे। आवेदन लेने के बाद सात दिनों के अंदर जांचोपरांत ग्राम कचहरी सचिव को भेजेंगे। ग्राम कचहरी सचिव सरपंच को अग्रसारित करेंगे।

Bihar Vanshavali Fee's
Bihar Vanshavali Fee’s

सरपंच आम सूचना पत्र अपने कार्यालय पर चिपकाएंगे। अगर किसी ग्रामीण को आपत्ति होती है तो एक सप्ताह के अंदर आवेदन सरपंच को दे सकते हैं। इसके बाद सरपंच द्वारा ग्राम सेवक को वापस कर दी जाएगी।

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